Saturday 12 February, 2011

राजस्थान सरकार के मंत्री द्वारा राष्ट्रपति पर अमर्यादित टिप्पणी


किसी भी देश के लिए राष्ट्रपति पद न केवल सर्वोच्च होता है बल्कि,ये संवेधानिक पद होने के साथ साथ देश की गौरवशाली परम्परा का भी प्रतीक होता है, हमारे देश में तो इस पद की बहुत अहमियत है, पिछले दिनों राजस्थान सरकार के राज्य मंत्री आमीन खान द्वारा जिस हल्के और स्तरहीन शब्दों से महामहिम राष्ट्रपति महोदया के लिए टिप्पणी की गयी, वो न केवल निंदनीय है बल्कि असहनीय है, आमीन खान ने न केवल कांग्रेस कार्यकताओ के बीच में ये टिप्पणी की, बल्कि टी.वी. चेनल पर भी अपने बयान को दोहराया व बार बार महामहिम को उसको कह के संबोधित किया, ये ठीक कि, माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तुरंत प्रभाव से ऐसे बडबोले और मोटे दिमाग वाले मंत्री से इस्तीफा ले लिया,पर ये बात तो स्वाभाविक ही उठती है कि, ऐसे लोगो को हमारे देश कि जनता,जनप्रतिनिधि क्यों चुनती है,जिनका जनरल नोलेज इतना कमजोर है कि, उनको ये पता ही नहीं वो क्या बोलने जा रहे है.. पर इस सारे मामले से कांग्रेस एवं राष्ट्रपति पद को हटा दिया जाये तो, राजनीती में हो रही चमचागिरी व व्यक्ति पूजा, का कटु सत्य एक बार फिर बेनकाब हुआ है..